रेल यात्रियों को अब अपने साथ खांसी, बुखार, दस्त और दर्द आदि की दवा लेकर चलने की जरूरत नहीं

गोरखपुर  रेल यात्रियों को अब अपने साथ खांसी, बुखार, दस्त और दर्द आदि की दवा लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही रेलवे अस्पतालों के आसपास रहने वाले लोगों और बीमार रेलकर्मियों व उनके परिजनों को भी महंगी दवाओं के लिए बाजार में भटकना नहीं पड़ेगा। रेलवे प्रशासन ने सुविधा के लिए प्रमुख स्टेशनों और रोड साइड के अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। जहां लोगों को सस्ती जेनरिक दवाइयां मिल जाएंगी।


रेल अस्‍पताल में भी होगी व्‍यवस्‍था


सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ जल्द ही ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल में मिलना शुरू हो जाएगा। रोड साइड के प्रमुख अस्पतालों में भी इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। रेलकर्मी रेलवे अस्पताल में नहीं मिलने वाली दवाइयों को जन औषधि केंद्र से खरीद सकेंगे। चिकित्सक के पर्ची से मिलने वाली निश्शुल्क दवाइयां अक्सर रेलवे अस्पताल से गायब रहती हैं। वहीं दूसरी तरफ ट्रेनों में गर्मी के दिनों में सिर दर्द, बुखार और उल्टी- दस्त की समस्या यात्रियों के लिए आम हो जाती है। ऐसे में ये केंद्र काफी सुविधाजनक साबित होंगे।


 

यहां पर डाक्‍टर की नहीं है व्‍यवस्‍था


हालांकि, रेलवे प्रशासन स्टेशनों पर चिकित्सक की सुविधा उपलब्ध कराता है। विश्वस्तरीय स्टेशन गोरखपुर में पिछले चार साल से मेडिकल शॉप बंद है। आज तक प्रक्रिया पूरी ही नहीं हो पाई है।


रेलवे अस्‍पताल के लिए प्रस्‍ताव तैयार


इस संबंध में पूर्वोत्‍तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल प्रबंधन ने जन औषधि केंद्र के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। आवश्यक स्वीकृति मिलते ही आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।